SM Krishna Death: कर्नाटक को IT हब बनाने वाले कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री नहीं रहें, 3 दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है।
SM Krishna Death: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और विदेश मंत्री रहे कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने 92 केउमरा में दुनिया को अलविदा कह दिया।
SM Krishna Death: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस. एम. कृष्णा का 10 दिसंबर 2024 को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे, वे उम्र से ग्रसित बिमारियों से जूझ रहे थे। बेंगलुरु स्थित अपने निवास पर उनका देहांत हुआ। राज्य सरकार ने उनके सम्मान में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। इसके अलावा, 11 दिसंबर को सार्वजनिक अवकाश की भी घोषणा की गई है। अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
एस. एम. कृष्णा 1999 से 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे और उन्होंने बेंगलुरु को भारत का टेक्नोलॉजी हब बनाने में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा, वह महाराष्ट्र के राज्यपाल और यूपीए सरकार में विदेश मंत्री भी रहे थे।
1 मई 1932 को कर्नाटक के मांड्या जिले के सोमनहल्ली गांव में जन्मे एसएम कृष्णा का पूरा नाम सोमनाहल्ली मल्लैया कृष्णा था. उन्होंने अपने आवास पर सुबह 2:45 बजे अंतिम सांस ली और आज (10 दिसंबर) उनके पार्थिव शरीर को मद्दुर (मांड्या) ले जाया जाएगा.
एस.एम. कृष्णा का राजनीतिक करियर चार दशकों से अधिक समय तक सक्रिय रहा, जिसमें उन्होंने कई अहम भूमिकाएँ निभाईं:
SM Krishna Photo
शुरुआत:
1962 में, उन्होंने पहली बार मद्दुर विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर राजनीति में कदम रखा। यह जीत उन्होंने प्रजा सोशलिस्ट पार्टी (PSP) के उम्मीदवार के रूप में हासिल की।
केंद्र में उपस्थिति:
1968 में मांड्या लोकसभा सीट पर उपचुनाव जीता और पहली बार संसद पहुँचे। 1971 में कांग्रेस में शामिल हुए और दोबारा मांड्या से सांसद बने।
राज्य में मंत्री:
1972 में उन्होंने कर्नाटक विधान परिषद का सदस्य बनने के लिए लोकसभा से इस्तीफा दिया। 1972-77 के बीच उन्होंने कर्नाटक सरकार में वाणिज्य, उद्योग, और संसदीय मामलों के मंत्री के रूप में सेवा दी।
केंद्रीय मंत्री:
1980 में लोकसभा चुनाव जीतकर केंद्रीय उद्योग राज्य मंत्री बने और बाद में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री का कार्यभार संभाला।
विधानसभा अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री:
1989 में कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष बने और 1993-94 में उपमुख्यमंत्री का पद संभाला।
मुख्यमंत्री:
1999 से 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में, उन्होंने बेंगलुरु को “भारत की सिलिकॉन वैली” बनाने में अहम योगदान दिया।
राज्यपाल और विदेश मंत्री:
2004-08 के दौरान महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे। 2009-2012 में, उन्होंने केंद्रीय विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया, जहाँ उन्होंने वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व किया।
यह विविधतापूर्ण राजनीतिक यात्रा उन्हें एक दूरदर्शी और प्रशंसनीय नेता बनाती है।