IPS दिव्या तंवर की कहानी:-
UPSC की परीक्षा पास करने वाली दिव्या तंवर की संघर्ष की कहानी काफी प्रेरणादायक है।
22 साल की उम्र में UPSC की परीक्षा पास कर आईपीएस बनने वाली दिव्या तंवर की कहानी संघर्ष भरी है।
बताया जाता है कि बहुत कम उम्र में उनके पिताजी का बिमारी से देहांत होने के बाद उनकी माताजी ने उनको पढाने के लिए काफी संघर्ष किया, मजदूरी की और अपनी बेटी को आईपीएस बनाया। दिव्या तंवर केवल 23 के उम्र में यूपीएससी में 438 बार रैंक हासिल किया
है। दिव्या तंवर की शुरुआती पढ़ाई गांव के छोटे से स्कूल से हुई और फिर वह जवाहर नवोदय विद्यालय से 12th तक की पढ़ाई की और उसके बाद जिले के ही एक कॉलेज से उन्होंने स्नातक की परीक्षा पास किया। स्नातक के दौरान ही वह यूपीएससी के लिए पूरा मन बना चुकी थी और स्नातक खत्म होते ही वह यूपीएससी की तैयारी करने लगी। वह दिन में लगभग 12 घंटे की पढ़ाई करती थी और बाकी समय अपनी फैमिली के साथ बिताती थी। दिव्या तंवर बताती हैं कि वह यूपीएससी की तैयारी के दौरान किसी भी अन्य लोगों से ज्यादा मुलाकात नहीं किया और दिव्या ने घर में ही रहकर तैयारी किया। दिव्या तंवर उन लड़कियों के लिए भी आज एक आदर्श बन चुकी हैं जो यह सोचती हैं कि एक छोटे से गांव से यूपीएससी की तैयारी नहीं किया जा सकता है।
आईपीएस दिव्या तंवर का जन्म और उनकी पढ़ाई लिखाई पढ़ाई लिखाई:-
दिव्या तंवर का जन्म साल 1996 में हरियाणा के महेंद्रगढ़ गांव निंबी में हुआ था। दिव्या तंवर का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ जहां परिवार खेती से जुड़ा हुआ था। दिव्या तंवर के पिता का निधन 2011 में एक बीमारी के कारण हो गया था और उनके परिवार की जिम्मेदारियों की बोझ उनकी मां के ऊपर आ गई थी। दिव्या की मां ने लोगों के खेतों में जाकर काम किया और दिव्या की पढ़ाई के लिए पैसे इकट्ठा किया और इस तरीके से उन्होंने अपनी बेटी दिव्या तंवर को बढ़ाया। दिव्या तंवर की मां पढ़ी-लिखी नहीं है लेकिन अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए उन्होंने काफी मेहनत किया। दिव्या की प्रारंभिक शिक्षा एक छोटे से स्कूल में हुआ और उसके बाद जवाहर नवोदय विद्यालय से उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई पूर्ण किया। इसके बाद दिव्या तंवर ने अपने ही ज़िला के एक पीजी कॉलेज से स्नातक की (B.Sc) की डिग्री हासिल किया और उसके बाद वह यूपीएससी की तैयारी में लग गई।
Divya Tanwa
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एक छोटे से गांव से निकलकर यूपीएससी की परीक्षा पास करने तक की दिव्या तंवर की कहानी :-
दिव्या तोमर बहुत ही छोटे से गांव से निकलकर यूपीएससी की परीक्षा को पास किया है दिव्या तंवर बहुत ही गरीब परिवार से तालुक रखती हैं। लोग अक्सर कहते हैं कि छोटे से गांव से रहकर यूपीएससी निकालना काफी कठिन है या फिर संभव नहीं है लेकिन इस बात का खंडन करते हुए दिव्या तंवर ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर पहले ही प्रयास में 438 रैंक प्राप्त किया। घर पर ही रहकर अपनी पूरी तैयारी किया। वह एक छोटे से कमरे में रहकर अपनी पूरी यूपीएससी की तैयारी को अंजाम दिया है। उनकी माता जी कहते हैं कि वह दिन भर पढ़ाई ही करती थी और जो भी थोड़ा बहुत टाइम मिलते थे वह अपने परिवार के साथ बिताती थी। परीक्षा के दौरान वह किसी भी बाहरी या किसी भी रिश्तेदारों से ज्यादा बातचीत नहीं की और अपनी पढ़ाई में लगी रही मैं और 1 वर्ष की कठिन तपस्या करने के बाद उन्होंने यूपीएससी में रैंक 438 स्थान हासिल किया और यूपीएससी में अपना जगह बनाया। इन्होंने हर एक बातों का खंडन किया जो आमतौर पर हम लोगों को शिकायत रहती है। उनकी माता जी कहती हैं कि उन्होंने कभी किसी भी नई चीजों की डिमांड नहीं की,
और जो मिला उन्होंने खाया, जो मिला वह उन्होंने पहने और स्थिति को बदलने की कोशिश की। बच्चों को कोचिंग भी दिया और स्कूलों में भी पढ़ाया ताकि वह पैसे इकट्ठे कर यूपीएससी की तैयारी कर सके।
बिना कोचिंग के पास किया यूपीएससी का परीक्षा:-
दिव्या तंवर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी और उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह किसी भी कोचिंग को ज्वाइन कर पाए इसके बाद उन्होंने यह फैसला किया कि वह घर पर ही रहकर बिना कोचिंग किए ही यूपीएससी की परीक्षा पास करेंगी और उन्होंने यह कर भी दिखाया। कहते हैं जुनून और हौसला हो तो हर काम आसान हो जाता है और हर काम किया जा सकता है और दिव्या तंवर इसके साक्षात उदाहरण हैं।
दिव्या तंवर का परिवार:-
दिव्या तंवर के परिवार में उनकी माताजी और उनके एक छोटी बहन और भाई रहते हैं। पिताजी का निधन एक बीमारी की वजह से 2011 में हो चुका था इनके पिताजी का नाम भगत तंवर था जिनका निधन 2011 में ही एक बीमारी की वजह से हो गया था जिसके बाद उनका पूरा परिवार अकेले हो गया और पूरी जिम्मेदारी उनके माता और दिव्या पर आ गई। दिव्या तंवर ने लगातार दो बार यूपीएससी की परीक्षा पास किया और पहले प्रयास में उन्हें 438 रैंक मिला और दूसरे प्रयास में 105 रैंक मिला।
दिव्या तंवर की शिक्षा:-
दिव्या तंवर बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में बहुत अच्छी रही है और उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय महेंद्रगढ़ से प्राप्त की है अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज महेंद्रगढ़ में दाखिला लिया और वहां से वह अपने स्नातक की शिक्षा प्राप्त किया। शुरुआत में वह चार से पांच घंटे की पढ़ाई क्या करती थी लेकिन धीरे-धीरे जब परीक्षा पास होते गया तब वह अपनी पढ़ाई के घंटे को बढ़ाया और हर रोज वह लगभग 10 घंटे की पढ़ाई करती थी। वह अपनी तैयारी प्रिलिम्स की पूरी तैयारी गांव में ही रहकर यूट्यूब और गूगल के सहायता से की है।