Shardiya Navratri 2024 3rd Day : नवरात्रि के तीसरे दिन की जाती है माँ चंद्रघंटा की पूजा।
(Shardiya Navratri) नवरत्रि के दिनों में माता के नवों रूपों की पूजा की जाती है जिनमें स एक रूप माँ चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। माँ चंद्रघंटा की पूजा नवरात्रि के तीसरे दिन की जाती है। 5 अक्टूबर को नवरात्री का तीसरा दिन है और माता चंद्रघंटा की आराधना की जाएगी।
कैसा होता माँ चंनवरात्रि के तीसरे दिन की जाती है माँ चंद्रघंटा की पूजा। द्रघंटा का स्वरूप है?
माँ चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे का आकार का अर्ध चन्द्रमा विराजमान है इसलिए इन्हे माँ चंद्रघंटा कहते हैं। माता का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। ऐसा कहा जाता है की माँ की उपासना करने से आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति होती है। इस दिन पूजा करने से व्यक्ति निर्भय हो जाता है, जीवन के सारे संकट दूर हो जाते हैं। माता में तीनो भगवान ब्रह्मा,विष्णु और महेश की शक्तियां होती हैं। इनका वाहन सिंह है, माता के देश हाथ और हाथो में कमल, धनुष, बाण , खड्ग , कमंडल, तलवार, त्रिशूल , गद्दा जैसे अस्त्र और शास्त्र होते हैं।
(MAA CHANDRAGHANTA )माँ चंद्रघंटा की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
वैदिक पंचांग के अनुशार माता के पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से लेकर 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगा।
माँ चंद्रघंटा को दूध की बानी मिठाई और खीर बहुत पसंद है और आज के दिन माता को पीला रंग को अर्पित करें।
माँ चंद्रघंटा कीपूजा करने की विधि
सुभह उठकर स्नान कर के माँ के नवो रूपों को ध्यान धरें। माँ के आगे खीर या दूध सेबनी मिठाई का भोग लगाएं। आप साबूदाना का भी भोग लगा सकते हैं। माता को फूल ,माला, सिंदूर और अक्षत चढ़ाएं तथा दिया और धुप जलाकर दुर्गा चलिशा और आरती पढ़ें। इस तरीके से माता चंद्रघंटा की पूजा को संपन्न करें।
Jai mata di
Jai Mata Di